आलोक कुमार सातपुते विगत दो दशकों से लघुकथाएं लिख रहे हैं। वे साहित्य को एक आन्दोलन मानते हैं। उनकी लघुकथाओं का पैनापन वैचारिक क्रान्ति का मार्ग प्रशस्त करता है।
- विनोद नागदिवे
आलोक कुमार सातपुते, महाभारत के संजय जैसी दृष्टि से सम्पन्न हैं। -अनिल भतपहरी